बंटी और बबली फिल्म में एक गाना है
छोटे छोटे शहरों से, खाली भोर दुपहरों से, हम तो झोला उठा के चले।
बारिश कम कम लगती है, नदिया मद्धम लगती है, हम समन्दर के अन्दर चले।
पिछले दिनों लगता है बड़ा शहर मुम्बई वास्तव में समन्दर के अन्दर चला गया। मुम्बई और आसपास के इलाकों में ४३० ५०० से अधिक लोग मर चुके हैं। २६ जुलाई की रात को सारा यातायात बन्द होने के कारण जो जहाँ जाना चाहता था, वह वहाँ न पहुँच सका। इन हालात में एक पत्रकार ने हीरो के साथ गुज़ारी बरसात की रात, और एक महिला पत्रकार रात भर चलती रहीं। बहुत ही रोचक संस्मरण हैं। पढें।
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