इस स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर प्रस्तुत हैं बहुभाषीय एकता गीत “मिले सुर मेरा तुम्हारा” के बोल। इस गीत को हम सब ने दूरदर्शन पर देखा सुना होगा, पर बोल प्रायः हमें उन्हीं भागों के आते हैं जो हमारी जानी-पहचाही भाषाओं में हैं। हिन्दी-फोरम याहूग्रुप पर मैंने पिछले वर्ष एक वार्ता-सूत्र आरंभ किया था, इस गीत के बोल पूरे लिखने के लिए — हर भाषा में, हर लिपि में। बहुमूल्य सहयोग मिला समूह के सदस्य अरविन्द अयंगार का, जो हैं तो इंजीनियरिंग के छात्र, पर दर्जनों देशी-विदेशी भाषाओं और लिपियों को जानते-पहचानते हैं। अन्य लोगों से भी सहयोग माँगा गया ताकि वे अपनी अपनी मातृभाषा में लिखे भागों को सही कर सकें, पर फिर बात रह गई। अब इस चिट्ठे के द्वारा वह सहयोग मैं दोबारा माँग रहा हूँ। बोल नीचे पढ़ें और गीत यहाँ सुनें। रोमन लिपि में गीत को यहाँ पढें, और विभिन्न लिपियों में यहाँ (बहुभाषीय यूनिकोड फाँट आवश्यक)।
(हिन्दी) मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
सुर की नदिया हर दिशा से बह के सागर में मिले
बादलों का रूप ले कर बरसे हल्के हल्के
मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
मिले सुर मेरा तुम्हारा …
(कश्मीरी) चॉन्य् तरज़ तय म्यॉन्य् तरज़
इक-वट बनि यि सॉन्य् तरज़
(पंजाबी) तेरा सुर मिले मेरे सुर दे नाल
मिलके बणे इक नवा सुर ताल
(हिन्दी) मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
(सिन्धी) मुहिंजो सुर तुहिंजे साँ प्यारा मिले जडेंह
गीत असाँजो मधुर तरानो बणे तडेंह
(उर्दू) सुर का दरिया बह के सागर में मिले
(पंजाबी) बदलाँ दा रूप लैके बरसन हौले हौले
(तमिल) इसैन्दाल नम्म इरुवरिन सुरमुम नमदक्कुम
तिसै वॆरु आनालुम आऴि सेर
मुगिलाय मऴैयय पोऴिवदु पोल इसै
नम इसै…
(कन्नड) नन्न ध्वनिगॆ निन्न ध्वनिय,
सेरिदन्तॆ नम्म ध्वनिय
(तेलुगु) ना स्वरमु नी स्वरमु संगम्ममै,
मन स्वरंगा अवतरिंचे .
(मलयालम) निंडॆ स्वरमुम् नींगळुडॆ स्वरमुम्
धट्टुचॆयुम् नमुडॆय स्वरम .
(बाङ्ला) तोमार शुर मोदेर शुर
सृष्टि करूर अइको शुर
(असमिया) सृष्टि हो अइको तान
(उड़िया) तोमा मोरा स्वरेर मिलन
सृष्टि करे चालबोचतन
(गुजराती) मिले सुर जो थारो म्हारो
बणे आपणो सुर निरालो
(मराठी) माँझा तुमच्या जुलता तारा
मधुर सुराँचा बरसती धारा
(हिन्दी) सुर की नदिया हर दिशा से बह के सागर में मिले
बादलों का रूप ले के बरसे हल्के हल्के
हो मिले सुर मेरा तुम्हारा
मिले सुर मेरा तुम्हारा …
तो सुर बने हमारा
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