त्सुनामी – त्रासदी और उच्चारण

त्सुनामी का हाहाकार कुछ ऐसा छाया हुआ है कि कुछ और लिखते गिल्टी फीलिंग होने लगती है। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अभी अभी सुना सवा लाख से बढ़ चुकी है। टीवी समाचारों में देख कर दिल दहल गया कि किस प्रकार पानी की भीषण लहरें खेलते बच्चों को निगल गईं। दफ़्तर में जो मिलता है यही पूछता है, “आप के तो सब लोग सुरक्षित हैं?” मन में रह रह कर यही आता है कि क्यों बार बार यह आपदाएँ हमारे ही हिस्से आती हैं। सही चेतावनी तन्त्र के अभाव की ख़बरों से ले कर हिचकिचाते और लड़खड़ाते राहत कार्य तक सब इसी बात की ओर इशारा करते हैं कि हमारे यहाँ इन्सानी जान की क़ीमत पश्चिम में इन्सानी जान की क़ीमत से कम है। ख़ैर यह वाली आपदा तो कुछ अलग ही क़िस्म की थी, जिसके बारे में कह नहीं सकते कि सामयिक चेतावनी के रहते कितना बचाव हो सकता था, पर कई त्रासदियाँ तो इतनी अनावश्यक होती हैं कि खून खौल उठता है। अभी पिछले दिनों ही पंजाब में दो स्टेशन मास्टरों की ग़लती से दो रेलगाड़ियां आपस में टकराईं और दर्जनों जानें गईं।

प्राकृतिक आपदाएँ कहाँ नहीं आतीं। भूकम्प से ले कर समुद्री तूफान अमरीका और अन्य विकसित देशों में भी आते रहते हैं पर अक्सर ऐसा होने से पहले शहर के शहर खाली करा लिए जाते हैं। यहाँ तो बच्चे खेल रहे थे समुद्री तटों पर। सैलानी तैर रहे थे, मछुआरे मछलियां पकड़ रहे थे। अंडमान निकोबार और अन्य द्वीप समूहों में तो द्वीप के द्वीप ग़ायब हो गए, वहाँ के वासी बेचारे जाते भी तो कहाँ जाते।

इस सब के बाद यही उम्मीद कर सकते हैं कि हिन्द महासागर में भी कोई चेतावनी प्रणाली लगाई जाएगी, जिस से ऐसी मुसीबतों की भविष्यवाणी हो सके।

जापान के हिन्दी चिट्ठाकार मत्सु ने बताया कि लगभग सभी लोग त्सुनामी का उच्चारण ग़लत करते हैं। लिखते तो सही हैं tsunami फिर ग़लत उच्चारण क्यों? शायद अंग्रेज़ी में जाने के बाद सभी शब्द अपना मूल रूप खो देते हैं। कई बार हिन्दी वाले भी बदले हुए रूप को ही अपना लेते हैं। करगिल कारगिल हो जाता है तो ग़ज़ा गाज़ा। अमरीका में तो आइरैक, पैकिस्टैन और मज़लिम आम शब्द बन गए हैं।

यह सही है कि अधिकाँश भारतीय भाषाओं में त्स का प्रयोग नहीं होता, कम से कम पहले अक्षर के रूप में तो नहीं (वत्स, मत्स्य, आदि ऐसे शब्द हैं जहां त्स का बीच में प्रयोग होता है)। मुझे लगता है इसका वास्तविक उच्चारण जर्मन भाषा के z जैसा है या इतालवी के zz जैसा। जैसे zeitung, pizza, paparazzi आदि। भारत में कश्मीरी भाषा में तो यह व्यंजन आम है, पर मराठी में भी मैंने इसका उच्चारण होते सुना है। हम इसे देवनागरी में च़ लिखते हैं, क्योंकि इसका च के साथ वही रिश्ता है जो ज़ का ज के साथ है। इसलिए मैं कहूँगा “च़ुनामी”। उच्चारण वही त् और स को साथ में घोल कर बोलना।

जो कोई इस को पढ़गा, सोचेगा कहाँ से कहाँ पहुँच जाता है यह बन्दा। अपनी इसी आदत को देख कर तो मैंने ब्लाग का नाम रखा है, जो रखा है।


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23 responses to “त्सुनामी – त्रासदी और उच्चारण”

  1. नमस्ते 20 मत्सू Avatar

    रमण जी,
    सबसे पहले तो मेरी तरफ़ से नव वर्ष की शुभकामनाएँ,
    यहाँ तो अभी आ गया 2005.

    NHK (जापान प्रसारण संस्था) की हिंदी सेवा न्यूज़ में तो “त्सू”-नामी (या त्सु- पता नहीं कैसी सुनाई देगी…) ही बोलते है, न जैसे बी.बी.सी. में सू- बोलते हैं.
    http://www.nhk.or.jp/rj/ram/jp/hindi.ram
    ज़रा सुनके देखें. Real One Player या Windows Media Player के ज़रिए सुन सकते हैं.

  2. नमस्ते 20 मत्सू Avatar

    रमण जी,
    सबसे पहले तो मेरी तरफ़ से नव वर्ष की शुभकामनाएँ,
    यहाँ तो अभी आ गया 2005.

    NHK (जापान प्रसारण संस्था) की हिंदी सेवा न्यूज़ में तो “त्सू”-नामी (या त्सु- पता नहीं कैसी सुनाई देगी…) ही बोलते है, न जैसे बी.बी.सी. में सू- बोलते हैं.
    http://www.nhk.or.jp/rj/ram/jp/hindi.ram
    ज़रा सुनके देखें. Real One Player या Windows Media Player के ज़रिए सुन सकते हैं.

  3. रमण Avatar

    मत्सु भाई,
    आपको भी २००५ की शुभकामनाएँ। आप के विचारों के लिए धन्यवाद। मैंने रेडियो जापान के हिन्दी समाचार सुने। रंजना सिंह सुना रही थीं। मुहम्मद ज़ुबेर के उर्दू समाचार भी सुने। दोनों के मुंह से मुझे सुनामी ही सुनाई दिया। यदि आप को लग रहा है कि उनका उच्चारण सही है तो फिर मेरी समझ में ही कुछ त्रुटि है।

  4. रमण Avatar

    मत्सु भाई,
    आपको भी २००५ की शुभकामनाएँ। आप के विचारों के लिए धन्यवाद। मैंने रेडियो जापान के हिन्दी समाचार सुने। रंजना सिंह सुना रही थीं। मुहम्मद ज़ुबेर के उर्दू समाचार भी सुने। दोनों के मुंह से मुझे सुनामी ही सुनाई दिया। यदि आप को लग रहा है कि उनका उच्चारण सही है तो फिर मेरी समझ में ही कुछ त्रुटि है।

  5. […] हिन्दी ब्लॉगर सूची देखी तो पाया कि उसके लिए कोड Java Script में है, अतः लगा नहीं सकता था। तो मैंने उनसे […]

  6. […] हिन्दी ब्लॉगर सूची देखी तो पाया कि उसके लिए कोड Java Script में है, अतः लगा नहीं सकता था। तो मैंने उनसे […]

  7. paheli Avatar

    do lafzo ka mera naam ulta seedha ek saman. is ka answer saliha.sister@yahoo.com par bhejen.

  8. paheli Avatar

    do lafzo ka mera naam ulta seedha ek saman. is ka answer saliha.sister@yahoo.com par bhejen.

  9. bujho Avatar
    bujho

    mujhe aapka ye essay bilkul bhi aacha nahi laga . aasha karta huin ki aagle baar aacha essay denge.

  10. bujho Avatar
    bujho

    mujhe aapka ye essay bilkul bhi aacha nahi laga . aasha karta huin ki aagle baar aacha essay denge.

  11. nikhil taneja Avatar

    mujhe aapka ye essay bilkul bhi aacha nahi laga . aasha karta huin ki aagle baar aacha essay denge.

  12. nikhil taneja Avatar

    mujhe aapka ye essay bilkul bhi aacha nahi laga . aasha karta huin ki aagle baar aacha essay denge.

  13. himanshu Avatar
    himanshu

    vcs phoohe

  14. himanshu Avatar
    himanshu

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  15. himanshu Avatar
    himanshu

    very good

  16. himanshu Avatar
    himanshu

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  17. akash singh chauhan Avatar

    tsunami is a dangerous disaster ever i have seen in my life .

  18. akash singh chauhan Avatar

    tsunami is a dangerous disaster ever i have seen in my life .

  19. akash singh chauhan Avatar

    in this essay i have felt that you have much enkish words instead of using hindi words

  20. akash singh chauhan Avatar

    in this essay i have felt that you have much enkish words instead of using hindi words

  21. akash singh chauhan Avatar

    its good essay.but in this essay there are some english words which you have to not use in hindi essays

  22. akash singh chauhan Avatar

    its good essay.but in this essay there are some english words which you have to not use in hindi essays

  23. Tech Bate Avatar
    Tech Bate

    बहुत ही अच्छी जानकरी , आपका शुक्रिया

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