नव वर्ष 2062 की शुभकामनाएँ यानी नवरेह मुबारक

यदि आप थोड़े से मेरे जैसे हैं तो ज़रूर आपने ३१ दिसम्बर को कुछ वायदे किए होंगे अपने साथ – हफ्ते में पाँच दिन व्यायाम करना, कम से कम हर दूसरे दिन ब्लॉग लिखना, हर जगह देर से पहुँचने की आदत छोड़ देना, वग़ैरा वग़ैरा। और अगर आप थोड़े से और मेरे जैसे हैं, तो आप ने ७ जनवरी होते होते सब वायदे तोड़ दिए होंगे। तो चलिए अभी कुछ नहीं बिगड़ा, आप को यह सब दोबारा करने के लिए दिसम्बर का इन्तज़ार करने की ज़रूरत नहीं है।

आज, यानि ९ अप्रैल, वर्ष प्रतिपदा है, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष का प्रथम दिन — अधिकाँश हिन्दुओं के लिए नए साल का आरम्भ। जो वाइदे ग़लती से टूट गए, उन को अब पूरा करते हैं।

कश्मीरी हिन्दुओं के लिए नव वर्ष यानी “नवरेह” एक महत्वपूर्ण उत्सव है। अन्य लोग भी इसे अन्य नामों से मनाते हैं -महाराष्ट्र में गुडी पडवा, आन्ध्र में उगाडी, बंगाल में नब-बर्ष, पंजाब में बैसाखी वग़ैरा सब आस पास मनाए जाते हैं। हमारे यहाँ इस हिन्दू कैलण्डर — जो पृथ्वी की सूर्य के गिर्द परिक्रमा पर आधारित यानी सोलर, न हो कर चन्द्रमा की पृथ्वी के गिर्द परिक्रमा पर आधारित यानी लूनर है — को काफी प्राथमिकता दी जाती है। हम लोग अपने जन्म दिन, व अन्य वार्षिकोत्सव (विवाह वर्षगाँठ, श्राद्ध, आदि) इसी हिसाब से मनाते हैं। वसन्त के आगमन के साथ साथ, फसल की बुवाई और अन्य कई चीज़ें इस से जुड़ी हुई हैं।

हमारे बुज़ुर्गों को सब लोगों के जन्मदिन और अन्य विशेष दिन इसी पंचांग के हिसाब से याद होते थे। गए कल की रात हमारे यहाँ एक थाली तैयार की जाती है जिस में चावल, अखरोट, नए साल का पंचाँग, लेखनी, पुष्प, दूध, तृणमूल, रुपए, आदि रखे जाते हैं और आज सुबह उठते ही सब लोगों को सब से पहले उसी थाली के दर्शन कराए जाते हैं। इस में रखी सारी चीज़ें शायद रोज़मर्रा की ज़िन्दगी की सभी चीज़ों का प्रतिनिधित्व करती हैं और आशा की जाती है कि वर्ष भर इन चीज़ों का अभाव न हो।

क्या आपने कभी सोचा है कि बैसाखी हर साल १३ अप्रैल को ही क्यों आती है, जब कि बाकी सब पर्व – होली, दीवाली बदलते रहते हैं। दरअसल एक हिन्दू कैलेंडर उपर बताए तरीके का है, यानी लूनर, और दूसरा सोलर। लूनर कैलेंडर कुछ इस प्रकार से चलता है — चन्द्रमा के पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर लगाने को एक माह माना जाता है, जब कि यह २९ या ३॰ दिन का होता है। हर मास को दो भागों में बाँटा जाता है — कृष्णपक्ष जिस में चान्द घटता है, और शुक्लपक्ष जिस में चान्द बढ़ता है। दोनों पक्ष प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, आदि ऐसे चलते है लगभग पन्द्रह दिन तक। कृष्णपक्ष के अन्तिम दिन चन्द्रमा बिल्कुल नहीं दिखता, यानी अमावस्या, जबकि शुक्लपक्ष के अन्तिम दिन पूरा चान्द होता है, यानी पूर्णिमा। आधा चान्द अष्टमी को होता है। प्रायः पर्व अष्टमी, पूर्णिमा और अमावस्या को होते हैं — उदाहरणतः जन्माष्टमी, होली, दीवाली। साल के बारह महीनों में कोई दस दिन कम पड़ जाते हैं जो हर तीसरे साल एक पूरा महीना जोड़ कर पूरा कर लिए जाते हैं। इस तरह से पर्व दस-बीस दिन आगे पीछे होते रहते हैं। इस के अतिरिक्त सोलर कैलेंडर भी प्रयुक्त होता है, जिस में हर मास के दिनों की संख्या निर्दिष्ट होती है, और हर मास के पहले दिन को “संक्रान्ति” कहा जाता है। वैशाख, यानी बैसाख, का पहला दिन बैसाखी या नब-बर्ष होता है। लूनर कैलेंडर के चैत्र शुक्लपक्ष (शुदी) का पहला दिन (प्रतिपदा) उगाड़ी, वर्ष-प्रतिपदा, नवरेह, आदि के रूप में मनाया जाता है। आज जो वर्ष शुरू हुआ है वह सप्तर्षि संवत ५॰८१ है, और विक्रमी संवत २॰६२, यानी ईस्वी सन से काफी आगे। देखने वाली बात है कि भारत के ज्योतिषी हज़ारों वर्षों से यह सारी गणनाएँ करते आए हैं, और इसी आधार पर ग्रहण आदि का ठीक पूर्वानुमान लगा पाते हैं। और कई कैलेंडर चन्द्रमा के हिसाब से चलते हैं पर शायद ही कोई इतना पूर्वानुमानित होता हो।

मुस्लिम हिजरी कैलेंडर भी चान्द के हिसाब से चलता है। चान्द को वास्तव में देख कर ही माह खत्म होने की घोषणा होती है। इसी लिए रमज़ान का उपवास का महीना तब खत्म होता है जब चान्द देखा जाता है, जिस से ईद आती है। बहुत इन्तज़ार के बाद आने वाला “ईद का चान्द” और सुन्दर, भरा-पूरा “चौदहवीं का चान्द” मुहावरे इसी से बने हैं। साल में जो दस-ग्यारह दिन कम होते हैं, उसे ऐसे ही रहने दिया जाता है, जिस कारण हर साल ३५५ दिन का होता है। इस कारण मुस्लिम त्यौहारों का मौसम भी बदलता रहता है, क्योकि हर साल दस दिन कम होते जाते हैं।

खैर, एक बार फिर कोशिश करते हैं इस नए साल में अपने वायदे पूरे करने की। हर साल की तरह इस साल भी मैं ने अपनी साइट पर कैलेंडर बना कर ड़ाला है, इन कड़ियों को देखें।


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Comments

  1. अनुनाद Avatar
    अनुनाद

    सभी मित्रों को हिन्दू नववर्ष की शुभकामनाऎँ ।
    रमण भाई , आपने इस छोटे से लेख मे बहुत सरी जानकारी डाल रखी है ।
    पढकर काफ़ी अच्छा लगा ।

  2. अनुनाद Avatar
    अनुनाद

    सभी मित्रों को हिन्दू नववर्ष की शुभकामनाऎँ ।
    रमण भाई , आपने इस छोटे से लेख मे बहुत सरी जानकारी डाल रखी है ।
    पढकर काफ़ी अच्छा लगा ।

  3. kalicharan Avatar

    bahut bhadiya aapne bahut gyanwardhak baatein likh daali aaj.

  4. kalicharan Avatar

    bahut bhadiya aapne bahut gyanwardhak baatein likh daali aaj.

  5. तरूण Avatar

    रमण जी धन्‍यवाद, आप के दिये लिंक से कलूसा टाईपराइटर डाउनलोड कर लिया है।
    बहुत आराम दायक है। आज अनुगुंज के लिये टाइप किया है, कल कहानी का अगला भाग

  6. तरूण Avatar

    रमण जी धन्‍यवाद, आप के दिये लिंक से कलूसा टाईपराइटर डाउनलोड कर लिया है।
    बहुत आराम दायक है। आज अनुगुंज के लिये टाइप किया है, कल कहानी का अगला भाग

  7. laxmikant pande Avatar

    aap sabhi ko hundu naw wrsh ki hardik shubh kamnayen.

  8. laxmikant pande Avatar

    aap sabhi ko hundu naw wrsh ki hardik shubh kamnayen.

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