जब हिन्दी इंटरनेट की दुनिया का कोई नया बाशिन्दा यह सवाल पूछता है कि हिन्दी कैसे लिखें, तो सब का अलग अलग जवाब होता है – कोई कहता है, बरह प्रयोग करो, कोई यूनिनागरी, कोई हग, कोई छहरी, तो कोई IME। मेरा यह सोचना रहा है कि इंटरनेट पर देवनागरी के टाइपराइटर ज़्यादा होने की बजाय कम होने चाहिएँ, बढ़िया होने चाहिएँ, और ज़्यादा लोग एक ही टाइपराइटर प्रयोग करने चाहिएँ। इस से मानकीकरण होगा, लोगों के पूछने पर एक सा जवाब दिया जाएगा, और उसी एक टाइपराइटर का ज़्यादा विकास होगा। अब तक बहुत अलग अलग तरीके आज़माने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुँचा हूँ कि ऍडिटर बेहतरीन है IME (विंडोज़ पर) और कीबोर्ड बेहतरीन है इन्स्क्रिप्ट।
पर फिर भी अपने ही उसूल को ताक पर रख कर मैं अपनी साइट पर दो और ऍडिटर रिलीज़ करने का ऐलान कर रहा हूँ।
पहला तो खैर हिन्दी का है ही नहीं, इसलिए कोई बात नहीं। यह है गुरमुखी का ऍडिटर – यूनिमुखी। नईं जी, मैंनू पंजाबी नईं आन्दी.. मतलब इन्नी ही आन्दी है। पर हाँ, श्रीनगर से दिल्ली के बीच पंजाब से गुज़रते हुए, गुरमुखी की कुछ कुछ पहचान हो गई है — और उतनी ही पहचान बाङ्ला और गुजराती लिपियों की भी है — वैसे भी देवनागरी से तो मिलती जुलती हैं ही यह लिपियाँ। रजनीश ने चिट्ठाकार समूह पर गुरमुखी ऍडिटर की बात छेड़ी तो मैं ने कहा मैं कोशिश करता हूँ। बस ऍलनवुड की साइट से गुरमुखी और देवनागरी के कोड ले कर एक तुलनात्मक सारणी बना ली और उस से यूनिनागरी से यूनिमुखी बना लिया।
दूसरा ऍडिटर तो, क्षमा कीजिए, देवनागरी का ही है। और इस का कारण है मेरा इन्स्क्रिप्ट के प्रति जागा नया प्रेम — जिस के लिए ज़िम्मेवार हैं रवि रतलामी। तो पेश है यूनिस्क्रिप्ट। मेरे विचार से इस के दो लाभ हैं — एक तो जो लोग इन्स्क्रिप्ट के आदी हैं, वे साइबरकैफे आदि में इसे ऑनलाइन प्रयोग कर सकते हैं। दूसरे, यदि कोई इन्स्क्रिप्ट पर टच टाइपिंग सीखना चाहते हैं तो मैं ने इस में कीबोर्ड पर विभिन्न रंगों के द्वारा यह दिखाया है कि कौन सी उंगली कहाँ रखनी है, और उस से कौन से अक्षर टाइप होंगे।
आप लोगों की प्रतिक्रिया और सुझावों का इन्तज़ार रहेगा।
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