Category: विविध
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इंडिक ब्लॉगर अवार्ड्स
चिट्ठाकार बन्धुओ, अपनी क्वर्टियों पर धार लगा लो — आप का अपना “इंडिक ब्लॉगर अवार्ड्स” आ रहा है। क्वर्टी…? वह क्या होती है? QWERTY, बुद्धू … यानी कीबोर्ड — अब कलम पर धार लगाने को तो कहेंगे नहीं। कलम की जगह कीबोर्ड ने ले ली है, इसलिए कहा गया है “Qwerty is mightier than the…
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चेन खुली कि मेल खुली कि “ब्रेक द चेन”
इस पोस्ट का शीर्षक अटपटा ज़रूर है, पर मैं ने इसलिए रखा कि मुझे अच्छा लगा। सही शीर्षक हो सकता था – “फॉरवर्ड करने से पहले सोचें”। या “ज़ोर लगा कर ब्रेक द चेन”। बचपन से ही मैं चेन-मेल देखता आया हूँ और हमेशा से ही इस से नफरत करता आया हूँ। मुझे याद है…
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आइए हाथ उठाएं हम भी
कुछ ही समय पहले हिन्दी चिट्ठा जगत का यह हाल था गिने चुने चिट्ठे थे और हर चिट्ठा पढ़ा जाता था, और कई बार तो इन्तज़ार रहता था कि कोई कुछ लिखे तो हम पढ़ें। सौ का आंकड़ा पार करने के बाद चिट्ठों की संख्या और बढ़ती जा रही है और साथ ही बढ़ रही…
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ज्योपर्डी पर भारतीय छात्र
सेंट-लुइस की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी जयन्त अयंगार ज्योपर्डी कुइज़ शो के कॉलेज चैंपियनशिप के फाइनल में पहुँचे हैं। आज इस शो का पहला भाग बड़ी आशा से देखा, कि शायद यह भारतीय (मूल का) विद्यार्थी यह चैंपियनशिप जीत जाए। पहले दिन का नतीजा तो अच्छा नहीं रहा। देखते हैं कल क्या होता है। आज…
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यू मे नॉट किस द ब्राइड
मुझे अभी खबर मिली कि आज के हू वांट्स टू बी ऍ मिलियनेयर पर एक प्रश्न यह था – “किस देश में हाल ही में एक दुल्हा-दुल्हन को विवाह पर चुम्बन करने के लिए जुर्माना किया गया – a) तुर्की, b)मिस्र (इजिप्ट), c) भारत या d) एक और देश”। और जवाब था भारत। मुझे हैरानी…
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बच्चा भालू
यह चित्र मुझे आज ही फॉरवर्ड किया मेरे मित्र राज कौशिक ने सिडनी से। आप भी मज़ा लें। दोष अंग्रेज़ी भाषा का ही है। चिल्ड और बियर की स्पैलिंग तो बनती ही यही है। पर “बियर” की जगह “वियर” क्यों लिखा है? शायद यह कलाकार “विहार” को “बिहार” बनाने का बदला ले रहा था।
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शुभ दीपावली, और थोड़ी सी लिफ्ट
दीपावली पर सभी को शुभकामनाएँ। वे जो देस में हैं, घरों में उजाले कर रहे हैं, पटाखे चला रहे हैं, उन को भी; और वे जो मिट्टी से दूर हैं, दिलों में उजाले कर रहे हैं, पटाखों की याद कर रहे हैं, उन को भी। अक्तूबर का पूरा महीना बिना लिखे बीत गया। कारण कई…
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मैंने कहा था न!
मैंने कहा था न ब्लॉगस्पॉट छोड़ते समय अपना चिट्ठा डिलीट मत करो, वरना कोई और URL हथिया लेगा। अब देखिए समाजवाद समाप्त हो गया तो टोमेक जी ने हथिया लिया, जिन का शायद काम ही कूड़ेदान से URL निकालने का है। चिट्ठाचर्चा निरन्तर से होते हुए चिट्ठा-विश्व पर चली गई तो उसका URL किसी शहज़ादे…
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क्या नोबेल-विजेता मदर टेरेसा सेंट थीं?
मदर टेरेसा भारत के गिने चुने नोबेल पुरस्कार विजेताओं में से एक थीं। जब कि डा॰ चन्द्रशेखर और डा॰ खोराना जैसे वैज्ञानिक नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने से पहले अमरीका के नागरिक बन चुके थे, मदर टेरेसा ने भारतीय बन कर नोबेल पुरस्कार जीता। परिणामस्वरूप उन के नाम के साथ हमेशा भारत का नाम लिया जाता…