Category: हिंदी

  • त्सुनामी – त्रासदी और उच्चारण

    त्सुनामी का हाहाकार कुछ ऐसा छाया हुआ है कि कुछ और लिखते गिल्टी फीलिंग होने लगती है। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अभी अभी सुना सवा लाख से बढ़ चुकी है। टीवी समाचारों में देख कर दिल दहल गया कि किस प्रकार पानी की भीषण लहरें खेलते बच्चों को निगल गईं। दफ़्तर…

  • दो बातें

    1. विशेषज्ञों की सलाह मानकर मैंने भी वर्डप्रेस को अपना ब्लाग-यन्त्र बनाया। मैं अपना ब्लागस्थान ब्लागर से बदल कर यहाँ ले आया हूँ, अपने जालस्थल पर। 2. यदि आप अपने ब्लाग पर सभी हिन्दी ब्लागरों की कड़ियां रखते हैं तो उसको अपटुडेट रखने के लिए मेरा एक पंक्ति का जावास्क्रिपट प्रयोग करें। यहां देखें।

  • इधर उधर की

    कई दिनों से कुछ भी लिख नहीं पाया हूँ। लिखने का समय न मिलने पर भी मन में यही चलता रहता है यह लिखूँ, वह लिखूँ। इस सप्ताहान्त लाइब्रेरी से एक पुस्तक उठा लाया “सैम्ज़ टीच यौरसेल्फ मुवेब्ल टाइप इन २४ आवर्स”। और लोगों की तरह ब्लागर से विदा होकर अपना घर बसाने का विचार…

  • आतंक से मुख्यधारा की राह क्या हो?

    हाल ही के कुछ समाचार माध्यमों में खबर थी, १९९० के पूर्वार्ध में जम्मू कश्मीर छात्र स्वातंत्र्य फ्रंट के कर्ताधर्ता और आत्मसमर्पण करने वाले आतंकियों की संस्था इख़्वान‍-उल-मुस्लिमीन के सर्वोच्च कमांडर ताहिर शेख इख़्वानी ने टेरिटोरियल सेना के अफसरों की चयन परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। बहस उठी कि क्या यह मुनासिब है कि पूर्व…

  • देस परदेस

    इस सप्ताह पंकज जी के भूत ने अक्षरग्राम पर एक नया शोशा छोड़ा था — मानसिक लुच्चेपन का। बातों में फुरसतिया अनूप जी ने महेश भट्ट की पूजा का ज़िक्र किया। भई बॉलीवुड तो वैसे ही अपने आप में अलग संस्कृति है। इस बीच देसी मूल्यों के पश्चिम में धुन्धला जाने और इससे माता-पिता-सन्तान की…

  • राम राम

    राम राम गाँव वालो। पडौस में नया आया हूँ। जब तक घर ठीक से बसा लूँ, गुड़-चीनी की ज़रूरत पड़े तो दे देना भाई लोगो। कई दिनों से इस ब्लाग-नगरी की गलियों के चक्कर लगा रहा हूँ। बड़े बड़े दिग्गज बैठे हैं डेरा जमाए। खैर इधर-उधर की हम भी हाँक ही लेंगे। अपना अन्दाज़े-बयाँ और…