रवि भाई का एक बार फिर धन्यवाद इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड की सरलता को सरलता से समझाने के लिए। मैं अभी तक यह मानता था कि यदि ध्वन्यात्मक कुंजीपट पर सही हाथ चलता हो तो हिन्दी की टच टाइपिंग सीखने की क्या ज़रूरत है — अँग्रेज़ी की टच टाइपिंग ही काफी है हिन्दी में टाइप करने के लिए। किसी हद तक यह बात सही भी है। मुझे यूनिनागरी ऍडिटर की ऐसी आदत पड़ी हुई है कि कीबोर्ड देखने की ज़रूरत नहीं पड़ती। पर इन सब कीबोर्डों में यह समस्या है कि कट-पेस्ट के बिना काम नहीं चलता। ब्लॉग लिखना हो, ईमेल लिखना हो, या कहीं टिप्पणी लिखनी हो — सीधे हिन्दी लिखने का तरीक़ा अभी तक नहीं मिल पा रहा था — विंडोज़ के Indic-IME को छोड़ कर। बरह का प्रयोग मैं ने नहीं किया है, उस में शायद यह सुविधा है — पर उस के इलावा शायद ही कहीं और है। विंडोज़ के Indic-IME में यह दिक्कत है कि उस में Hindi Traditional के नाम से एक ही कीबोर्ड है जो इन्स्क्रिप्ट पर आधारित है। और 6-7 कीबोर्ड खाके Indic-IME1v5 के द्वारा मिल जाते हैं पर उन में भी वही समस्या है — कट-पेस्ट की। माइक्रोसॉफ्ट वाले Indic-IME1v5 को इस लायक़ नहीं बना पाए हैं कि विंडोज़ के टेक्स्ट-बॉक्स और ईमेल आदि में सीधा चल सके। मुख़्तसर बात यह है कि मुझे लगता था इन्स्क्रिप्ट से डर, इसलिए IME से दूर भागता था। इस के लेआउट में मुझे कोई pattern नज़र नहीं आता था।
अब रवि भाई ने जब से इन्स्क्रिप्ट के लेआउट का राज़ खोला है, तब से मैं ख़ुद को इन्स्क्रिप्ट सिखाने में लगा हुआ हूँ। यह पोस्ट मैं ने इन्स्क्रिप्ट का प्रयोग कर के, बिना कीबोर्ड पर नज़र डाले लिखी है, और वह भी सीधे वर्डप्रेस के ऍडिट-बॉक्स में। खूबी यह है कि हिन्दी के अक्षर अँग्रेज़ी के अक्षरों पर निर्भर नहीं हैं, उंगलियों की स्थिति से ही सभी अक्षरों का पता लग जाता है। लिखने में समय काफ़ी ज़्यादा लगा पर शायद समय के साथ गति भी आ जाएगी।
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