ये वर्ल्ड है ना वर्ल्ड, इस में दो तरह के लोग रहते हैं, एक वह जिन्होंने बंटी और बबली नहीं देखी, और दूसरे वह जिन्होंने देखी है। आज हम “दूसरे” लोगों में शामिल हुए। कई दिनों से पड़ौस की देसी वीडियो दुकान के चक्कर लग रहे थे, अब जा कर मिली है। फिल्म के गाने तो पहले ही सुन सुन कर याद हो गये थे। गुलज़ार के गीत असाधारण हैं। “ये ज़मीं पानियों में डुबकियाँ ले रही है, देखना उठ के पैरों पे चलने लगे ना कहीं…”। फिल्म का एक प्रोमो गीत, जो एक अँग्रेज़ी रैप गाने की शक्ल में है और अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया है, भी अच्छा है। यह फिल्म में तो नहीं है, पर यहाँ पर देखा-सुना जा सकता है।
समीक्षा तो नहीं लिखूँगा, क्योंकि पहले ही बहुत सारी लिखी गई हैं, पर यह कहूँगा हल्के फुल्के मनोरंजन के लिए ज़रूर देखो।
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