यदि आप ने पावर-पॉइंट या अन्य कई प्रेज़ेंटेशन या डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयरों पर काम किया होगा तो आप ने “Lorem Ipsum” शब्द कई बार देखे होंगे। इस के साथ कई बार पैरा भर लैटिन जैसा मसौदा भी देखा होगा। कुछ इस तरह
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और यदि आप मेरे जैसे जिज्ञासु हैं तो मन में प्रश्न भी उठा होगा कि लोरेम इप्सम भला होता क्या है, और यदि मेरे जैसे आलसी हैं तो कभी किसी से पूछा नहीं होगा, खोज नहीं की होगी। कल इंटरनेट पर घूमते घामते इस सवाल का जवाब मिल गया। दरअसल यह जान-बूझ-कर-बेमतलब शब्द और वाक्य तब लिखे जाते हैं जब आप को किसी मुद्रलिपि (फॉण्ट) का परीक्षण करना हो। बेमतलब मसौदे से होता यह है कि आप का ध्यान मसौदे के अर्थ की तरफ न जा कर उस की शक्लो-सूरत पर जाता है। हिन्दी के लोरेम इप्सम का नमूना यह रहा्
सुनत सुचना खयालात यायेका अविरोधता गुजरना माहितीवानीज्य बदले मुक्त विकास जिम्मे लचकनहि आवश्यकत लाभो जिम्मे द्वारा सुस्पश्ट भाषा होसके कार्य खयालात वेबजाल और्४५० करते प्रति खयालात शारिरिक करके शीघ्र हैं। सुस्पश्ट सिद्धांत विचरविमर्श मजबुत मेमत अनुकूल करेसाथ चुनने लोगो परस्पर है।अभी लाभान्वित मानव केन्द्रिय विश्वव्यापि पहेला संस्था संपुर्ण करके(विशेष समूह दौरान बढाता सकती उद्योग उदेशीत करेसाथ हमारि पहोचाना संपुर्ण बिन्दुओमे करते सीमित खयालात ब्रौशर शारिरिक खण्ड कार्य कीने तकनीकी प्रतिबध विभाजनक्षमता
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