प्रशान्त तामांग बुरे गायक नहीं हैं, पर अमित पॉल से जीतने की शक्ति उन में गाने के आधार पर तो नहीं थी। प्रशान्त की इंडियन आइडल के फाइनल में जीत ने यह साबित कर दिया कि उन के समर्थकों ने एस.एम.एस. द्वारा अमित को ही नहीं, बल्कि और कई अच्छे गायकों को धूल चटा दी। फाइनल तक सब ठीक था – इमॉन, दीपाली, चारू, पूजा, अंकिता जैसे अच्छे गायकों का बाहर हो जाना तब तक नहीं खला, जब तक अमिल पॉल बचा हुआ था और उस के जीतने की उम्मीद मौजूद थी। मैं मानता था कि इस खेल में एसएमएस पर काफी दारोमदार है, पर सारा खेल उसी का है, यह अन्त में प्रशान्त की जीत ने साबित कर दिया।
इंटरनेट पर नेपाल और दार्जीलिंग के कई फोरम चल रहे थे, जहाँ से प्रशान्त के लिए वोटिंग जुटाई जा रही थी। कुछ फ्री एसएमएस का भी जुगाड़ था।
इंडियन आइडल पर मेरे पिछले पोस्ट पर संजय बेंगाणी ने जो भविष्यवाणी की थी, वह सौ फीसदी सच साबित हुई। फिर भी यदि जजों की बातों में, खासकर जावेद अख़्तर की बातों में, कुछ ईमानदारी थी, तो अमित पॉल को पार्श्वगायन का काम मिलना चाहिए।
यह टिप्प्णी कल मैने ममताजी की पोस्ट पर की थी, आज यहाँ कर रहा हूँ
जिस समय प्रशांत जीत रहे थे तब दूसरे कार्यक्रम में वाईल्ड कार्ड के द्वारा कुछ अच्छे प्रतियोगियों को स्टार वोइस ओफ़ इण्डिया में फिर से प्रवेश करवाने की प्रतियोगिता चल रही थी।
राजस्थान के तोशी को सुनने के बाद जज खैय्याम साहब के मुँह से निकल ही गया कि चुनने का काम जनता का नहीं, इल्म वालों का है। जनता ने इतने अच्छे कलाकारों को बाहर कर दिया।
इण्डियन आईडोल में भी भले ही प्रशांत अच्छा गाते हों पर वे सिर्फ किशोरदा की नकल करते दिखते हैं। जब कि पूजा जो शास्त्रीय संगीत की अच्छी जानकार दिखती थी और अंकिता जिसमें एक अच्छी पॉप गायिका बनने के लक्षण दिखते हैं; स्टार. वो .ओ.इण्डिया में मिरान्डे कब की बाहर कर दी गई…. सिर्फ वोट्स या एस एम एस की वजह से।
सबसे खास बात यह रही कल के आईडोल में कि जीते भले ही प्रशांत हों पर अमित हारकर जरा भी मायूस नहीं दिखे और खुले मन से प्रशांत की जीत को स्वीकारा… यानि अमित हार कर भी जीत गये।
अमित पाल का स्वर बहुत अच्छा है मगर प्रशानत कि आवाज मे जादु है जो जो कोही को मोह लेता है
मैं पूर्वोत्तर में रहा हुआ हूँ और वहाँ की मानसिकता से अच्छी तरह से वाकिफ हूँ, इसलिए एक सटीक भविष्यवाणी कर पाया. (कमाने के लिए भविष्यवक्ता का व्यवसाय भी बुरा नहीं 🙂 )
इसी तरह पहले एक सिलचर का प्रतियोगी जीता था. दादागीरी से रूपैये उगाह कर एस.एम.एस करवाये जाते थे.
आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा.
ऎसेही लिखेते रहिये.
क्यों न आप अपना ब्लोग ब्लोगअड्डा में शामिल कर के अपने विचार ऒंर लोगों तक पहुंचाते.
जो हमे अच्छा लगे.
वो सबको पता चले.
ऎसा छोटासा प्रयास है.
हमारे इस प्रयास में.
आप भी शामिल हो जाइयॆ.
एक बार ब्लोग अड्डा में आके देखिये.
सही फरमा रहे हैं आप रमन भाई.
संजय भाई तो यूँ भी अच्छे भविष्यवक्ता हैं. उनकी इंडीब्लॉगिज की भविष्यवाणी भी सच हुई थी और भी कई.
इस बार भारत जाऊँगा तो उनसे अपने व्यापार के बारे में भविष्यवाणी करवा कर सलाह लेने की सोच रहा हूँ, पहले बेजान दारुवाला के पास जाने वाला था. अब वो कैसिल, ये प्रशान्त वाली सच देख कर संजय भाई के प्रति आस्था में चार चाँद लग गये हैं.