यह चर्चा आरंभ करने के लिए आलोक का धन्यवाद। सब से पहली बात यह समझने की है कि इंटरनेट हमारे समाज का ही आईना है। हमारे समाज का एक अधूरा आईना, जिस में हम केवल समाज के पढ़े-लिखे, “आधुनिक”, मध्यम-आय (और ऊपर) और मध्यम-आयु (और नीचे) वर्ग का प्रतिबिम्ब देख सकते हैं। समाज के इस […]
Monthly Archives: September 2005
परिणीता
परिणीता को रिलीज़ हुए कुछ महीने हो गए हैं, पर मुझे अभी देखने का मौका मिला। देख कर इतनी अच्छी लगी कि यहाँ लिखने का मन हुआ। न तो मैंने शरतचन्द्र का मूल उपन्यास पढ़ा है, और न ही मीनाकुमारी वाली पुरानी “परिणीता” देखी है (देखी भी होगी तो याद नहीं)। इस कारण उत्सुकता के […]
मैंने कहा था न!
मैंने कहा था न ब्लॉगस्पॉट छोड़ते समय अपना चिट्ठा डिलीट मत करो, वरना कोई और URL हथिया लेगा। अब देखिए समाजवाद समाप्त हो गया तो टोमेक जी ने हथिया लिया, जिन का शायद काम ही कूड़ेदान से URL निकालने का है। चिट्ठाचर्चा निरन्तर से होते हुए चिट्ठा-विश्व पर चली गई तो उसका URL किसी शहज़ादे […]
क्या नोबेल-विजेता मदर टेरेसा सेंट थीं?
मदर टेरेसा भारत के गिने चुने नोबेल पुरस्कार विजेताओं में से एक थीं। जब कि डा॰ चन्द्रशेखर और डा॰ खोराना जैसे वैज्ञानिक नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने से पहले अमरीका के नागरिक बन चुके थे, मदर टेरेसा ने भारतीय बन कर नोबेल पुरस्कार जीता। परिणामस्वरूप उन के नाम के साथ हमेशा भारत का नाम लिया जाता […]